Shiv chaisa Secrets

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

सर्व कला, संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर,

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ।।

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कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि shiv chalisa in hindi जात न काऊ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

क्या दोष हुआ मुझसे मुझे क्यों ठुकराते shiv chalisa lyricsl हो

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

वो मेरा है तारण हारा, उस से मेरा जग उजारा।

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